Saturday, January 19, 2013

Flexible Display

Future is going to be very interesting if electronics were little flexible. Well, software was very flexible for quite some time. This time, it is the hardware.

There is quite a lot of possibilities. Input using gesture or voice and output in flexible ways will drive future development.

As for software engineers and thought leaders, field of Information Technology provide lot of opportunities. But this will only be available to those who are ready to think beyond what is normal and ready to take some risk.


Friday, January 18, 2013

LieStrong ... l

Today, I was shocked to hear what Lance Armstrong confessed. It is not because of surprise but because he accepts and sometime defends his position.

I do remember Mohammed Azarudding being banned for his involvement in scam. And like any other corrupt politician, he is now a member of parliament. He was most admired cricker at my home at that time after Kapil Dev. Sachin was not yet where he is now. Ajay Jadeja  was another cricker in similar scam.

Such cases are rare compared to all other people who play sincerely. But then, this guy created charity and kind of became motivation for so many cancer survivors.

I am not sure if the American Law or the society has any punishment for cheating. In India of course, Azarudding became a Member of Parliament. Him being so called minority might have helped. Even though he is no minority in Hyderabad. I guess Jadeja was not so luck in that sense. But he gets lot of invitations from TV. In fact, those who something wrong are more liked by media.

Over all, I hope not to see any more such people whom I admired in the past.

In the article on firstpost.com about LieStrong, I was also shocked to see so many support statements and comments for him being honest. I guess liars cannot oppose liars. Kalyug hain bhai Kalyug.



Saturday, January 12, 2013

Aadhaar is No Aadhaar ( आधार - निराधार )

कहना बहुत कुछ हैं पर आज की बात मैं आधार तक ही सीमित रखता हूँ ।

जब आधार की घोषणा की गयी बहुत सारी बातें हमें बताई गयी । मुझे जो सबसे ज्यादा याद हैं कुछ कारणों से वह यह की कुछ भी हो ये राशन कार्ड की तरह नहीं होगा ।

एक सप्ताह पहले मेरी सोसाइटी में किसीने हमें बताया की आधार का एक कैंप लगा सकते हैं सोसाइटी में । हमें प्रसन्नता हुवी की चलो कुछ अच्छा हो रहा हैं की सरकारी काम बिना कुछ किये हो जाएगा । मेरी खुशी कुछ पलों के लिए हि थी । हमें बताया गया की आधार कार्ड एक ऐसे कंपनी ने यहाँ करने के लिए जा रहें हैं जिसका आधार से कोई रिश्ता ही नहीं । और यहाँ भी बताया गया की इस के लिये 'पहुँच' की अव्यशाकता हैं इस लिए हम इसे स्वयं नहीं कर सकते ।

मुझे लगा की यहाँ तो मेरा अधिकार हैं की मैं आधार कार्ड मुफ्त में बिना किसी के सयाहता के ले सकता हूँ ।

मैंने आधार के वेबसाईट पर देखा ... जैसे कहा गया वैसे पूरी तरह से नहीं हो पाया ।

जिसको आधार कार्ड बनाने किए लिए अनुमति दी गयी हो वह सब तरह से अपना काम नहीं कर पा रहे हैं । एक स्कूल जहा मैं गया था आधार कार्ड के लिए वह बंद हो गया था जब की वेब साईट पर उनका नाम और पता था ।

जितने फ़ोन नंबर दिए हुवा हैं उनमे से अस्सी प्रतिशत लगते ही नहीं । ऐसे लोग पे करवाई होनी चाहिए  :)

 आधिकारिक तौर पर तो वेब साईट बताता हैं की इसके लिए अनुमति दी गयी हैं बड़ी बड़ी सरकारी बैंक को । लेकिन इन बैंक ने निजी लोगो को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया हुवा हैं । यह निजी कंपनियों ने इसे अपने तरह से इसका उपयोग कर रहे हैं । कहा करना हैं और कहा कैंप नहीं करना हैं इसके लिए वह तरह तरह से सौदा कर रहे हैं । इनके बारें में कोई जानकारी आधार के वेब साईट पर नहीं हैं ।

इन सब में ज्यादा पारदर्शिता लानें में लिए मैंने नंदन निलेकनी  जी को ईमेल भी लिखा हैं जिसका कोई अभी तक तो जवाब नहीं आया ।

सरकारी तौर पर कारपोरेशन से कुछ हो सकता हैं इस से भी ज्यादा प्रयास करना चाहिए । यहाँ प्राइवेट (निजी) कंपनिया काम कर रही हैं और सरकारी जगह पर कतार चार चार घंटो तक हैं । उनको और ज्यादा करने दिया नहीं जा रहा या नहीं करना चाहए ताकि निजी कंपनियों को ज्यादा लाभ हो पता नहीं । सरकारी सांठ गांठ नया तो नहीं हैं ।

एक अर्जी तो दी हैं कैंप के लिए सरकारी दफ्तर में ... देखे आगे क्या होता हैं ।

और हा ... यह अब राशन कार्ड से भी बत्तर हो गया हैं ;-) उसके लिए 10 रुपये शायद देना पड़ता था और सरकारी अफसर उस के लिए भी डरता था। अब निजी कंपनिया , सरकारी लोग और नेता सभी इस का बड़ा लाभ ले रहे हैं और किसी को पता नहीं की इसके बाद इसका उपयोग क्या होगा ।